Year 09 (02) Vol. XVII: ISSN-0976-8149: |
Topic |
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Contributer |
Towards Better Governace : An Analysis On Good Governace And Administrative Reform Of Bangladesh
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Abu Sayed Md. Nazmul Haider
Samantha Tamrin |
Challenges Among Indian Democracy |
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Dr. Bipin Chandra Kaushik |
Yayati : A Study Of Caste Consciousness |
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Dr. Ranjeet Singh |
Law Relating To Civil Appeals And Patents Act, 1970 |
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Khalid Shamim |
Role Of Politics In Indian Economy, A Historical Perspective |
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Dr. Pragyan |
Religion, Conversion And Community Development By Charismatic Leadership |
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Sapana Maurya |
भारत-यूरोपीय संघमुक्त व्यापार समझौता: विवाद के मुद्दे और संभावनायें |
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मधुसूदन चौबे |
संस्कृति, राष्ट्र एवं राष्ट्रवाद सम्बन्धी पं0 दीनदयाल उपाध्याय जी के विचार |
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प्रो0 श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी
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हिमाचल की महासुई बोली पर वैदिक संस्कृत का प्रभाव |
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डॉ. देवराज
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संस्कृत रचना संसार में स्त्राी व्यथा की कथा: ‘अपराजिता’ |
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डॉ. सविता ओझा
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भारत के आर्थिक विकास में पर्यटन क्षेत्रा में रोजगार एवं विकास की असीम सम्भावनाएं |
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डॉ. पी.एन. यादव
विद्यानन्द पाण्डेय |
ग्राम स्वराज और महात्मा गाँधी |
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डॉ. संजीव कुमार तिवारी |
भारतीय शिक्षा व्यवस्था का बदलता स्वरूप चुनौतियां और सम्भावनाऐं |
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डॉ. वीणा गोपाल मिश्रा |
महाकवि भाष के रूपकों में वर्ण व्यवस्था |
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डॉ. प्रीति राठौर |
विध्य क्षेत्रा की नवपाषाणिक संस्कृति का कालानुक्रम: एक पुनःविवेचन |
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डॉ.रमाकान्त |
घटता भू-गर्भ जल स्तर तथा ग्रामीण जल और स्वास्थ्य संकट |
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नीता सोनकर |
सत्य की वैदिक अवधारणा और श्री अरविन्द |
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डॉ.गीता त्रिपाठी |
13वीं शताब्दी में दिल्ली सल्तनत के आर्थिक एवं सांस्कृतिक विकास में अमीर-वर्ग का योगदान |
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डॉ. रविन्द्र कुमार गौतम |
महात्मा बुद्ध का दलित दर्शन |
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डॉ. अरूण कुमार सिंह |
छठी शताब्दी ई.पू. के राजतन्त्रात्मक राज्यों की न्याय व्यवस्था एवं राजा |
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डॉ. प्रमोद सिंह |
राजनीति शास्त्रा-वैज्ञानिक शोध: एक चुनौतीपूर्ण आयाम |
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डॉ. कृष्णानन्द चतुर्वेदी |
प्लेटो का शिक्षा-दर्शन |
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डॉ. अंशू पाण्डेय |
नेता विरोधी दल के रूप में मुलायम सिंह यादव |
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डॉ. संजय कुमार सिंह |
सरस्वती के वरद् पुत्रा निराला एवं उनका काव्य संसार |
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डॉ. रमेश कुमार त्रिपाठी |
वैदिक साहित्य की सामयिक प्रासंगिकता |
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डॉ. कृष्ण मुरारी सिंह |
प्राचीन भारतीय राजनीति का स्वरूप एवं लोकतंत्रा
(रामायण के विशेष सन्दर्भ में) |
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मंजूला देवी |
‘अकाल में सारस’ संज्ञक काव्य संग्रह में ग्रामीण बोध |
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ऋतम्बरा शुक्ला |
प्रागैतिहासिक विंध्य: एक विहंगम दृष् |
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सरला सिंह |
होमरूल आन्दोलन में एनी बसेन्ट की भूमिका |
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अबुजेश कुमार |
भारत की विदेश नीति और उसकी विशिष्टता |
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जवाहिर चौरसिया |
राष्ट्र और राष्ट्रवाद |
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महेश कुमार सिंह |